मेरा साज-शृंगार तुम्हीं से है Shristy Ruhela
मेरा साज-शृंगार तुम्हीं से है
Shristy Ruhelaमेरा साज-शृंगार तुम्हीं से है
मेरे जीवन में प्यार तुम्हीं से है।
तुमको पाया तो रंग भर गए मेरे जीवन में,
मेरे जीवन के तीज त्योहार तुम्हीं से हैं
मेरा साज-शृंगार तुम्हीं से है।
सुख और सौभाग्य तुम्हीं से है
हो तुम्हीं मेरे आराध्य,
तुम्हीं से है जीवन की हर साँस
मेरी मांग में सिंदूर तुम्हीं से है,
मेरा साज- शृंगार तुम्हीं से है।
इन चूड़ियों मे खनक तुम्हीं से हैं
मेरे जीवन में चमक तुम्हीं से है,
हर धड़कन में एहसास तुम्हीं से है
हर पल मेरी रूह में वास तुम्हीं से हैं,
मेरा साज-शृंगार तुम्हीं से है।
मेरे सोलह शृंगार तुम्हीं से हैं
मेरी पहचान तुम्हीं से है,
तुम बिन अधूरी हूँ मैं
मेरा संसार तुम्हीं से है,
मेरा साज-शृंगार तुम्हीं से है।
मेरे गजरे में महक तुम्हीं से है
मेरे चेहरे पर चमक तुम्हीं से है,
मेरी मेहंदी का रंग तुम्हीं से है
मेरी पायल में झंकार तुम्हीं से है,
मेरा साज-शृंगार तुम्हीं से है।
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शृंगार, जो केवल एक स्त्री के बाहरी रूप को ही नहीं संवारता, बल्कि उसकी आत्मा का भी दर्पण होता है। एक स्त्री जो शृंगार वह अपने पति के लिए करती है क्योंकि उसके पति से ही उसका शृंगार होता है उसका पूरा संसार होता है। शृंगार सिर्फ रंग और रूप का खेल नहीं, बल्कि उसके मन के भीतर उठते भावों, उसकी आकांक्षाओं और उसके प्रेम की अभिव्यक्ति है। यह शृंगार प्रकृति की तरह कोमल होता है और चांदनी रात की रोशनी की तरह भी होता है। एक स्त्री का शृंगार उसके आनंद और उत्साह की कहानी कहता है, और इस कविता में हम उसी शृंगार के विभिन्न रूपों को शब्दों में पिरोने का प्रयास करेंगे।
