सैसव जौवन दुहु मिल गेल विद्यापति

सैसव जौवन दुहु मिल गेल

विद्यापति | अद्भुत रस | भक्तिकाल

सैसव जौवन दुहु मिल गेल।
श्रवनक पथ दुहु लोचन लेल।।

वचनक चातुरि नहु-नहु हास।
धरनिये चान कयल परकास।।

मुकुर हाथ लय करय सिंगार।
सखि पूछय कइसे सुरत-विहार।।

निरजन उरज हेरत कत बेरि।
बिहुँसय अपन पयोधर हेरि।।

पहिले बदरि सम पुन नवरंग।
दिन-दिन अनंग अगोरल अंग।।

माधव देखल अपरूब बाला।
सैसव जौवन दुहु एक भेला।।

विद्यापति कह तुहु अगेआनि।
दुहु एक जोग इह के कह सयानि।।

अपने विचार साझा करें

  परिचय

"मातृभाषा", हिंदी भाषा एवं हिंदी साहित्य के प्रचार प्रसार का एक लघु प्रयास है। "फॉर टुमारो ग्रुप ऑफ़ एजुकेशन एंड ट्रेनिंग" द्वारा पोषित "मातृभाषा" वेबसाइट एक अव्यवसायिक वेबसाइट है। "मातृभाषा" प्रतिभासम्पन्न बाल साहित्यकारों के लिए एक खुला मंच है जहां वो अपनी साहित्यिक प्रतिभा को सुलभता से मुखर कर सकते हैं।

  Contact Us
  Registered Office

47/202 Ballupur Chowk, GMS Road
Dehradun Uttarakhand, India - 248001.

Tel : + (91) - 8881813408
Mail : info[at]maatribhasha[dot]com