कुछ तो बता ऐ जिन्दगी! Prashant Kumar Dwivedi
कुछ तो बता ऐ जिन्दगी!
Prashant Kumar Dwivediख्वाहिश मेरी क्यूँ तंग है,कुछ तो बता ऐ जिंदगी!
हर ख्वाब क्यूँ बेरंग है,कुछ तो बता ऐ जिंदगी!
ये तारीक रात की सुर्खियाँ,ये बेअदब सी आहटें,
अहसास है कि ज़ंग है,कुछ तो बता ऐ जिंन्दगी!
वो ही दिल में बस गया,वो ही दूर भी हो गया,
वो मोम है कि संग है,कुछ तो बता ऐ जिंदगी!
वो टीस ही बनी है मेरी जिन्दगी का फलसफा,
ये गम है कि उमंग है,कुछ तो बता ऐ जिंदगी!