इसे दर्द कहो या स्वाभिमान,मैं लौट के फिर न आऊँगा!
जिजीविषा
1696 0
वो जो इक चाह
1521 0
कलम भी रोती है
1641 1
अपनी कविता में तुमको पढ़कर
1636 1
एक अलिखित कविता
1764 0
कुछ लिखते हुए
1573 2
हे कवि ! मुझे बताते रहना
1841 0
ठीक नहीं
1509 0
ठोकर तो खाकर देखिये
1568 0
शायरी के सिवा
1868 0
अंतरात्मा का न्याय
1834 0
जाग उठो हे भरत पुत्र !
1833 0
ये सफ़र भी न अज़ीब है
1927 0
पैर तो कबके थके
साक़ी
1572 1
तुम अगर लौट कर नहीं आये
1728 1
भला कैसे होगा
1532 0
कुछ तो बता ऐ जिन्दगी!
1520 0
प्यास
1412 0
कोई नहीं है बुरा धरा पर
1528 1
पीड़ा
1378 2
अप्सरा
1759 3
फ़र्जी राष्ट्रवाद
2199 1
ये तुम्हारे राग अंधे
1543 1
हवा के साथ बह जाना
1850 1
हे सखे! अब ले न चलना
1649 1
कोमल मन और कटु जीवन
1757 1
वो जो इक चाह घुटी है मन में
1512 1
है रात से मेरा प्रेम पुराना
1798 1
इनमे बात तो कुछ है
1578 1
हो के रुसवा तेरी निगाहों में
तलाक़
1441 1
तो रहने दो
1560 1
विरहन
1455 1
मरघट का अट्टाहास
2376 1
क्या छुपाएँ-क्या बताएँ
1574 0
अजन्मा सच
1579 1
कब किस का होता है!
1623 0
रिन्द का फ़लसफ़ा
1523 0
अहो भाग्य!
1690 0
तुझसे छुपाने क्या-क्या!
1867 0
अश्रुओं में क्षार कैसे आ गया
2064 0
ऐसा उसके हाथों को छूकर लगता है!
1629 0
अल्हड़ कवि
1492 0
आखिर मान लूँ कैसे?
1491 1
हद करते हो!
1564 2
सोच लेना ऐ भँवरे!
2760 1
अनिर्णीत भाव
1620 1
प्यास के उस छोर पर
1681 1
एक स्वप्न : परिवर्तन के बीज
2025 1
नागफनी का पौधा
4571 0