व्यर्थ है अवसाद करना कौशल कुमार जोशी "कृष्णा"
व्यर्थ है अवसाद करना
कौशल कुमार जोशी "कृष्णा"व्यर्थ दुःख, विषाद करना,
समय क्यूँ बरबाद करना?
क्षीण कर विश्वास अपना,
व्यर्थ है अवसाद करना।।
क्या यहाँ दुष्प्राप्य है?
यदि कर्म ही आराध्य है।
वीर का कर्तव्य ही है,
नियति को अपवाद करना।।
त्याग दे यदि दम्भ है,
अभिमान का प्रतिबिंब है।
पुरुष को शोभित नहीं है,
विजय का उन्माद करना।
धन नहीं, वैभव नहीं,
यश, कीर्ति के कलरव नहीं।
पर मनुज जीवन के कारण,
प्रभु को धन्यवाद करना।।