गीत DEVENDRA PRATAP VERMA
गीत
DEVENDRA PRATAP VERMAसारे जग में अपनी पहचान बनाना है,
फूलों से कलियों से मुस्कान चुराना है।
ग़म की वादी को हम खुशियों से सजाएँगे,
हर दिल में मोहब्बत का एक फूल खिलाएँगे,
अरमानों के गुलशन को सपनों से सजाना है।
काँटों भरे जीवन में हर ग़म को झेलेंगे,
अंगारों की सेजों पे बिन आह के सो लेंगे,
चाँद सी शीतलता धरती पे लाना है।
राहें अपनी आसान नहीं,
मंज़िल से पहले आराम नहीं,
इन राहों पे हमको चलना है,
हर दर्द की धूप को सहना है,
जीवन की साँझ से पहले मंजिल तक जाना है।
कुछ हो न मगर इस दुनिया में,
ये गीत हमारे रह जाएँगे,
दिल की आँखों से देखना तुम,
हम दिल मे तुम्हारे आएँगे,
जो गीत ये हमने गाया है अब तुमको गाना है।