साथ तुम्हारा DEVENDRA PRATAP VERMA
साथ तुम्हारा
DEVENDRA PRATAP VERMAगम की तड़पाती धूप नहीं
खुशियों की रिमझिम होगी,
तुम साथ चलो तो जीवन की
हर मंज़िल मुमकिन होगी।
सूरज की किरणों के पंछी
गीत वफा के गाएँगे,
चाँद खिलेगा मुखड़े पर
चाहत की टिम-टिम होगी।
सात सुरों की सरगम का
संगीत दुआएँ देगा,
तन्हाई का शोर नहीं जब
पायल की छम-छम होगी।
जब हालात की साज़िश से
सब रिश्ते नाते-टूटेंगे,
एक साथ तुम्हारा होगा
और उम्मीदों की महफिल होगी।