आँखों में धुँआ क्या है सलिल सरोज
आँखों में धुँआ क्या है
सलिल सरोजचमन गुलज़ार नज़र आता है,
फिर आँखों में धुँआ क्या है?
क़त्ल हुआ है सब खामोश हैं,
इस शहर को हुआ क्या है?
मंदिर में बच्ची कुचली गई है,
खुदा के लब पे दुआ क्या है?
खुद ही कहीं नज़र में नहीं हैं,
फिर आँखों से छुआ क्या है?
घर-बार सब तो हार बैठे हैं,
मुफ़लिसी में ये जुआ क्या है?