मैं लिखता हूँ तो भूख मिट जाती है -पेट और आत्मा दोनों की।
मुर्दाघर
578 1
मेरी दादी
645 0
औरतें
688 0
अभी तलक बाकी है
824 0
तब मेरा गाँव मुझे याद आता है
942 0
मिलना कभी उन गलियों में
717 1
बेटी बचेगी, तो ही पढ़ेगी
606 0
इस चाराग़री में सब होशियार हैं
709 0
मुल्क ही अगर नहीं होगा
668 0
कुछ सलीका खुदा को भी सीखना चाहिए
611 1
बस आसमान को बाँटना बाकी है
590 0
सच की लाश मिली
581 0
आँखों में धुँआ क्या है
647 1
जब मिलता हूँ आदतन मुस्कुरा देता हूँ
565 0
ग़ज़ल का मक़सद और मौजूँ क्या है
551 0
इश्क़ किया और आग से खेलता रहा
613 0
शान्त उसका हुस्न-ए-बरहम ही कब था
556 0
निगाहों का पर्दा कहाँ था
597 0
जबसे मैं मेरा ही न रह गया
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कौम बातों से कैसे बहल जाएगा
522 0
तेरे ख़्वाब लेके मैं आँखों में
पसीने से तरबतर भोर है कैसा
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तू रसूक बनकर सबको फुसलाता क्या है
666 0
थोड़ी रियायत भी देनी थी
485 0
गर्दन भी रोज़ दबाता है
589 0
गुनाह यहाँ रोज़ होता है
501 0
चोरी-छिपे ही मोहब्बत निभाता रहा
624 0
आज़ादी को भी नई आज़ादी चाहिए
622 0
नहीं है आरज़ू कि फिर से बेटी बनूँ
483 0
इस हसीन शहर में बसिए ज़रा
569 0
ये दौर-ए-इम्तेहान है
474 0
कभी हंगामा कभी जलसा होता रहा
518 1
बदलते दौर में इज़्ज़तदारों का खानदान हूँ
559 1
प्रेम-विरह
487 0
आज का अखबार आ गया
455 0
ऐ मेरे मन
663 0
रातों को छत पे बुलाते क्यों रहे
559 0
हम फिर तन्हा रह गए
490 1
अपना वजूद
480 1
उसकी आँखें
466 0
चाक पे गढ़ी औरतें
533 1
वैश्या
659 1
औरत होने का समीकरण
720 1
अहसास विकलांग नहीं होते
478 2
शिखर का सच
585 1
जीवन और मृत्यु
697 2
ठहरे हुए पानी में आग लगाना आता है
571 1
इंसान होने के मायने
495 1
मैं उजालों का ही शौकीन हूँ
545 1
ये प्रकरण कहाँ से शुरू होता है
906 1
किताब में कैद एक गुलाब
652 2
बलात्कार से पहले और बलात्कार के बाद
849 2
मेरी कविताओं का दर्द
957 1
मैकदा और मीना अच्छा लगता है
461 0
मुझे नयन कारे-कारे ला के दे दो
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इश्क़ कभी औरों के भरोसे किया है क्या
459 0
खुद को तुझमें समाता चला गया
685 1
रस्म की शुरुआत मेरे बाद कीजिए
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मुझे मत दिखा अभी ये चाँद सितारे
509 1
वो जब से लौट आए से मेरे शहर में
476 1
मुझको अफवाहों से डराता है क्या
441 0
गर हो तुम्हारी इज़ाज़त
औकात दिखाना आता है
922 0
तू मेरा कल नहीं, तू मेरा आज नहीं
435 0
होता नहीं
622 1
काजल करने के लिए ताज़ा खूँ चाहिए
498 1
#मी टू, #ही फ़ॉर सी से कुछ बदलेगा नहीं
449 2
यकीनन माली का बहा हुआ खूँ होगा
1085 1
इन लहजों ने कुछ तो छिपा रक्खा है
गुमनाम आज़ादी
416 1
इंसान सरहदों से कहीं बढ़कर है
422 0
वो सुनता बहुत है तुम्हारी बातों को
415 2
ज़ुबानें हो गईं गाली-गाली
420 1
रिश्ते निभाने में बहुत वक़्त लगता है
बच्चों को गिरने पड़ने भी दीजिए
457 1
तू मिलना अब मुझसे तो
481 1
क्या तुझे भी मुझ सा दीवाना याद आता है
485 1
अगली पीढ़ी का बोझ कौन उठाएगा
367 1
आप बेरुखी से खिखिलाते रहिए
377 1
अफवाह
348 1
मुझे मेरी मौत का फरिश्ता चाहिए
429 1
इंसानियत क्या है
410 1
वो सीने से लगकर यूँ रो दिए
अपने तिरंगे में ही प्राण रखता हूँ
402 1
माना वक़्त बुरा है तो मर जाएँ क्या
369 0
तुम्हारी महफ़िल में और भी इंतज़ाम हैं
363 0
वो हिन्दुस्तान हर घड़ी दिखाएँगे
355 1
न जाने किनका ख्याल आ गया
369 1
यहाँ अब जीना भी मुहाल है
374 1
रोटी की जात नहीं पूछा करते
423 1
ये न पूछ कि वो मेरा क्या लगता है
421 1
उसकी आँखों में कहीं गंगाजल रहता है
401 1
मुक्त करो भगवन को आज!
408 1
न जाने फ़िज़ाओं में क्या हुआ होगा
359 1
अगर तेरा नूरानी हुस्न चुरा सकता मैं
388 1
सब हादसे दिन में मुक़म्मल होते नहीं
खूबियाँ साथ ले के चलो
347 1
मेरी अच्छाई ही मुसीबत है मेरी
346 1
सच को झूठ से और कितना बदलोगे
415 1
लक्ष्मी,दुर्गा और सरस्वती
410 0
मोहर
334 0
ज़िंदा दिखो भी
398 0
यह संभव है
436 0
ज़िन्दगी केवल ही शर्त नहीं
465 0
मोहब्बत का शौक़ीन नया समाज नहीं
313 1
ज़मीर में सलामत मुआमला रखिए
323 1
अब मेरी समझ में आता है
कौन मेरे गुनाहों पर पर्दा डाल देता है
387 2
मेरा दिल मानो कि गुलाब सा खिल गया
383 1
अदाओं में बहार लेके चलते हैं
335 2
जितना हो सके, आसमाँ छेकते रहिए
322 1
कुछ कर सकते नहीं तो, मर जाते क्यूँ नहीं
323 0
अभी आँखें बंद रहें तो ही सही
271 1
दवा करो तो फिर दुआ भी करो (नज़्म)
वो सवाल से डरता बहुत है
275 2
अमूमन क्या होता है
167 1
ये कैसी बेख़बरी है
263 1
कितने वक़्त से जुबां से कोई बात निकाली ही नहीं
175 1
रंग गोरा ही देते
192 1
छोड़ आए
151 1
सुनिए
132 2
राजपथ की स्त्रियाँ
288 1
परीक्षाएँ
लड़कियाँ जब प्रेम पत्र लिखती हैं
382 1
औरत
80 1
खुद रंग
147 1
अमूर्त
विधवा
325 2
मुझे भाषण जुमलों से भरपूर नज़र आते हैं
143 1
खुदा से दुआ में हाथों का उठाना खत्म हुआ
177 1
अच्छे और बुरे सब बिक जाने लगे हैं
किरदार
83 1
अपनी लाश उठाने की सोचता हूँ
182 1
बुरा मत कहो
103 1
वो बुढ़िया
253 1
मुलाक़ात
130 1
बारिश को अब बचा लो तुम
73 1
तुम्हारे सिवा और आदत क्या है
22 1
मत समझो कि ये घना कोहरा है
26 0
इश्क़ ने ये कमाल किया
9 0