मैं उजालों का ही शौकीन हूँ सलिल सरोज
मैं उजालों का ही शौकीन हूँ
सलिल सरोजमैं उजालों का ही शौकीन हूँ,
मुझसे अँधेरों की बात न कर।
मुझे सबसे माँ का प्यार मिला,
मेरे सामने तो जात-पात न कर।
ज़िन्दगी बहुत बाकी है अभी,
सस्ते अपने जज़्बात न कर।
बच्चियाँ ही समाज को पालेंगी,
जमा भेड़ियों की बारात न कर।
तू ईश्वर की उत्कृष्ट रचना है,
सरे-बाज़ार नीची औकात न कर।