इश्क़ ने ये कमाल किया सलिल सरोज
इश्क़ ने ये कमाल किया
सलिल सरोजइश्क़ ने ये कमाल किया,
हमारा जीना मुहाल किया।
जो घटाएँ बरसाया करती थी,
हर मौसम मेरा अकाल किया।
कुछ को पल में बर्बाद किया,
पर हमें तो सालों-साल किया।
जिस का जवाब था ही नहीं,
बार-बार वही सवाल किया।
ये तीरगी की हद ही तो है,
चिंगारी को भी मशाल किया।
सारे रिश्ते नेस्तनाबूद किए
माजी का भी न ख्याल किया।
तीरगी-अन्धकार
माजी-अतीत