किरदार सलिल सरोज
किरदार
सलिल सरोजजब भी मेरा किरदार बताया जाएगा,
दावा है, वो असरदार बताया जाएगा।
मैंने बचाया है कविताओं को मरने से,
मुझे सभ्यता का पहरेदार बताया जाएगा।
मैंने बोए हैं कितने ही अनकहे अहसास,
मुझे नई फसलों का जमींदार बताया जाएगा।
जितना भी पाया, अपनी मेहनत से पाया,
रकीबों में भी मुझे खुद्दार बताया जाएगा।
ना कोई लाग-लपेट, ना कोई छींटाकशी,
मेरी सीरत को धारदार बताया जाएगा।
कल को अगर मैं ना भी रहा तो क्या होगा,
मेरी बातों को पर जानदार बताया जाएगा।