थोड़ी रियायत भी देनी थी  सलिल सरोज

थोड़ी रियायत भी देनी थी

सलिल सरोज

हुस्न दिया तो थोड़ी नज़ाकत भी देनी थी,
उमड़ते समंदर में ही आफत भी देनी थी।
 

उसे शऊर नहीं है अपने ही कायदों का,
इंसान बनाया तो थोड़ी शराफत भी देनी थी।
 

जिसने रच दिए तुम्हारे सारे महल और मीनार,
उन मजबूत हाथों को थोड़ी बगावत भी देनी थी।
 

मुरीद को अब अपने पीर पे ही शक है,
चाहत दी थी तो थोड़ी अदावत भी देनी थी।
 

वो बच्ची है ज़िद्द करना उसकी फितरत है,
मशीन न बन जाए तो थोड़ी रियायत भी देनी थी।
 

हमेशा राजा ही राज करें ये कहाँ का न्याय है,
कुछ वक्त तो जनता को भी सियासत देनी थी।

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