मतलब DEVENDRA PRATAP VERMA
मतलब
DEVENDRA PRATAP VERMAप्यार करते हो ये सोचकर
कि प्यार मिलेगा,
तब तो तुम्हारे प्यार का
मतलब नहीं रह जाता।
जान देते हो ये जानकर
कि जन्नत नसीब होगी,
तब तो तुम्हारे मरने का
मतलब नही रह जाता।
दीपक ग़र जले सिर्फ
अपने दामन में रोशनी के लिए,
तो ऐसे दीपक के जलने का ग़म किसे होगा,
हँसते हो ग़र किसी की हँसी छीन कर,
तो फिर तुम्हारे रोने का मातम किसे होगा।