मैं भी उसी रंग का दीवाना हो गया  Ravindra Kumar Soni

मैं भी उसी रंग का दीवाना हो गया

Ravindra Kumar Soni

यू तो काला रंग अंधकार का प्रतीक है,
मगर छुआ जो तूने उसे तो उजाला हो गया,
उस काले रंग के आगे सफेद भी काला हो गया,
बदल गई उस रंग की किस्मत जो ओढ़ लिया तूने,
मैं भी उसी रंग का दीवाना हो गया।
 

सदियों से थी उस पर कालिख पुती,
नज़रों से तेरी वो चमन हो गया,
कैद था रंगों की दुनिया मे कब से,
सहारे से तेरे वो अमन हो गया,
निखर गई उस रंग की सीरत जो ओढ़ लिया तूने,
मैं भी उसी रंग का दीवाना हो गया।
 

चाहत थी उसकी खिलने की कब से,
बढ़कर रंगों में उठने की सबसे,
खिलने दिया ना किसी ने भी उसको,
तेरे बहाने वो रंग अमर हो गया,
खिल गई उस रंग की हसरत जो ओढ़ लिया तूने,
मैं भी उसी रंग का दीवाना हो गया।

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