हमको भी आशीष कमल दो  DEVENDRA PRATAP VERMA

हमको भी आशीष कमल दो

DEVENDRA PRATAP VERMA

बापू अपनी छाया का
हमको भी आशीष कमल दो,
हम नन्हे सत्पथ के राही
सत्पथ का साहस संबल दो।
 

चक्षु पटल के बाहर भीतर
अच्छाई देखें हम हर पल,
मुख से सत्य वचन ही निकले
कानो में स्वर गूंजे सच के।
 

बुरे कहीं भी नज़र न आएँ
अच्छे को इतना फैलाएँ,
बुरी नहीं है कोई स्थिति
अच्छाई की है अनुपस्थिति।
 

है केवल इक दीप जलाना
अंधकार को है मिट जाना,
तेरी बात समझ में आती
सत्याग्रह का मर्म बताती।
 

पुष्प अहिंसा के खिल जाएँ
जीवन महके और महकाएँ,
बापू जग की माया का
हमको भी अभिनव दर्पण दो,
सत्य प्रतिष्ठित कर पाएँ हम
दृढ़ संकल्प समर्पण दो।

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