माधव तुम्हें ही आना होगा  Shubham Amar Pandey

माधव तुम्हें ही आना होगा

Shubham Amar Pandey

यदि हाथ एक भी दुःशासन के
अब पांचाली का आँचल फाड़ेगें,
तो कृष्ण ना ही तुम ईश्वर हो
ना ही अखिल विश्व के हितकामी,
तुम भी इन ढुलमुल सरकारों जैसे
छल, प्रपंच, असत्य धैर्य के हो स्वामी।
 

धर्म बचाना चाहो अपना
तो नरसिंह का अवतार धरो,
नराधमों की छाती चीरो
चामुंडा सा वार करो।
 

उठा सुदर्शन एक-एक के
जीवन को शमशान करो,
बनकर शिव शम्भू तांडव कर दो
और महाकाल का रूप धरो।
 

छोड़ धरा पापी भागेंगे सब
बस परशुराम का क्रोध धरो,
मृत्यु की गुहार करेंगे
खप्परवाली बनकर देखो।
 

राम नहीं है प्रासंगिक अब
लोगों में तनिक नहीं मानवता बाकी,
दुर्गा को खेल-खिलौने समझे
है समाज की कुरीति यही।
 

यदि दुर्गा की लाज बचानी है
हर आँगन किलकारी पानी है,
तो माधव तुम्हें ही आना होगा,
आतातायी इस समाज को
कुश्ती में स्वयं हराना होगा
माधव तुम्हें ही आना होगा।

अपने विचार साझा करें




0
ने पसंद किया
1045
बार देखा गया

पसंद करें

  परिचय

"मातृभाषा", हिंदी भाषा एवं हिंदी साहित्य के प्रचार प्रसार का एक लघु प्रयास है। "फॉर टुमारो ग्रुप ऑफ़ एजुकेशन एंड ट्रेनिंग" द्वारा पोषित "मातृभाषा" वेबसाइट एक अव्यवसायिक वेबसाइट है। "मातृभाषा" प्रतिभासम्पन्न बाल साहित्यकारों के लिए एक खुला मंच है जहां वो अपनी साहित्यिक प्रतिभा को सुलभता से मुखर कर सकते हैं।

  Contact Us
  Registered Office

47/202 Ballupur Chowk, GMS Road
Dehradun Uttarakhand, India - 248001.

Tel : + (91) - 8881813408
Mail : info[at]maatribhasha[dot]com