नैना Shubham Amar Pandey
नैना
Shubham Amar Pandeyक्यूँ तड़पाते हो तुम हमको
ढाते हो जुल्म-ओ-सितम हमपे,
एक झलक दीदार को तरसे
तेरी याद में नैना बरसे।
कितनी लम्बी है ये जुदाई
अब न सही जाए तन्हाई,
लौट के वापस आ भी जाओ
क्यूँ तूने ऐसी सजा सुनाई।
कैसी खता हुई थी मुझसे
जिसकी माफ़ी मिल न पाई,
दिल को संभाले दर्द से गुज़रे
तेरी याद में नैना बरसे।
तुझको देखे अरसा गुज़रा
बिन तेरे सब सूना लगता,
अब तो आओ मत तड़पाओ
खता हुई पर अब न सताओ।
बिना तुम्हारे कुछ भी नहीं है
हँसी नहीं है, ख़ुशी नहीं है,
तेरे बिन हम कब तक तड़पें
तेरी याद में नैना बरसे।