आत्मचिंतन  Shubham Amar Pandey

आत्मचिंतन

Shubham Amar Pandey

बैठो कभी एकांत में,
पूछो स्वयं के भाव से
क्या तुम स्वयं को जानते हो
भीतर के संसार को पहचानते हो?
 

क्या मन तुम्हारा शून्य को
भी जानता है?
अंतर के अनंत को भी
मानता है?
 

संवाद स्वयं से क्या
कभी तुमने किया है?
जीवन के कुछ क्षण
स्वयं के साथ जिया है??

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