जीवन की राहें Shubham Amar Pandey
जीवन की राहें
Shubham Amar Pandeyजीवन की राहें कभी तो मिलेंगी
आँसू भरी रातें कभी तो ढलेंगी।
अभी वक्त थोड़ा प्रतिकूल चलता
पतझड़ के मौसम में फूल नहीं मिलता,
कभी कम तो होगा सूरज का तपना
बरसेगी बदरा और कलियाँ खिलेंगी
जीवन की राहें................
मंदिर में कोई देवता विराजे
शबरी सदा राम-राम पुकारे,
वर्षों प्रतीक्षारत हो शिला जब
मिलेगी राम से तब अहिल्या बनेगी
जीवन की राहें................
गंगा-बनारस सा संबंध अपना
चकोरों सा देखा है एक सपना,
सती का वियोग जब शिव में बसेगा
परिणति में उनको उमा प्राप्त होंगी
जीवन की राहें................